दिल के उजाले तुझे आज नतमस्तक हों भले,
लेकिन इंतजार कर कल रात भी डसेगी ,
दुखी न हो कि कल सुबह भी होगी ,
रात का सुना है ज्यादा ठिकाना नहीं होता।
वो खुश हो रहा है अपनी कामयाबी पर,
मैं फिर भी हसूंगा अपनी नाकामयाबी पर,
अश्कों से तर है फूल की हर पंखुड़ी ,
रोया है कोई थाम के दामन बहार का।
जाम टकरा गए मेरे दुश्मनों के,
जब खबर मेरी मौत की सुनी,
मुझे सकून है कोई खुश तो हुआ मेरे कारण।
झलक पाने को इंतज़ार किया जिसका मैंने ता-उम्र,
वो आया भी पर मेरे अँधा होने के बाद।
क्यों पूछते हो बार बार मेरी उदासी का कारण,
कि ज़ख्मों को ज्यादा कुरेदा नहीं करते,
अभी ताज़ा हैं ज़ख्म कि छेड़छाड़ न करो,
हम रो देंगे हमसे बनावटी हँसा नहीं जाता।
लाखों दोस्त मिले तब बना मेरी हसरतों का ताजमहल ,
दुश्मन ही मिला एक कि सब खाक कर गया।
सूईआं अकड़कर रुक गयीं सोचा हमने रोक दिया वक़्त ,
कोई बता दो उन्हें कि घड़ियाँ और भी हैं लाखों,
वख्त-ऐ -इजहार के लिए।
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