श्री राम🏹दुहाई हर मुख पे है, सीता जी🧕चुराई फिर से है,
हनुमान🐵किधर क्यों गुम हुए, लंका🌇से लड़ाई फिर से है।
1. वो तो चौदह ही वर्ष🌞का था, वनवास🌴🌳 फिर भी हर्ष का था
पर तंबू 🎪को कई दशक हुए, दिल❣लाख करोड़ हैं धक❤हुए
भुजा उठा श्री राम संकल्पित💪हो, आवशयक्ता🌄फिर से है।
श्री राम दुहाई...
2. ग़र अंगद🐒भी कहीं मिल जाते, कई होंठ👄आवारा सिल जाते,
फिर रावण चरण👣पकड़ता भी, अंगद कुछ और अकड़ता😡भी,
जो पांव जमा दे, धूम💨मचा दे ऐसा चाहिए भाई👬फिर से है।
श्री राम दुहाई...
3. इक वीर केसरी नन्दन🐵 हो, जिन्हें कोटि कोटि वंदन🙏हो,
जो फाड् दे छाती औरों की, भारत माता👸 के चोरों की,
मेरा रंग सिंधूरी🚩केसरीया, कोई भीगा💗नख से सिर से हो।
श्री राम दुहाई...
4. तुम जब चाहो तब बन जाये, घर-घर में मंदिर🏰तन जाये,
बस ज़ेहन में परशुराम🏹हैं गर, तो कीट🐜🐝 भी काल👺से ठन जाये,
बस खौला 🔥नहीं है रक्त अभी, इसी कारण सब स्थिर से हैं।
श्री राम🏹दुहाई हर मुख पे, सीता जी🧕चुराई फिर से है,
हनुमान🐵किधर क्यों गुम हुए, लंका🌇से लड़ाई फिर से है।
🔥💗🚩🏹🐜🐝🌞🎪🔥🌅🌏💪💥💦💫🚩🏹🌏💪💥💦💫🚩🏹
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